नाभि खिसकना

क्या होता है नाभि खिसकना? जानें लक्षण, बचाव और उपचार के तरीके

नाभि खिसकना या नाभि का हिलना, जिसे आम भाषा में ‘धरण’ या ‘नाभि दोष’ भी कहा जाता है, जिसे अंग्रेजी में “Umbilical Displacement” कहा जाता है। यह स्थिति तब होती है जब नाभि (या पेट का केंद्रीय हिस्सा) अपने सामान्य स्थान से थोड़ी इधर-उधर हो जाती है। इस स्थिति को आमतौर पर पेट दर्द, पेट में गैस, मरोड़ या पाचन संबंधी समस्याओं से जोड़ा जाता है। नाभि खिसकने के लक्षणों को कई बार मामूली समझकर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह परेशानी होने पर इसके लक्षणों की सही पहचान और उचित उपचार जरूरी होता है। हालांकि यह कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन समय पर इलाज न किया जाए तो यह परेशानी बढ़ सकती है।

नाभि खिसकने के लक्षण

नाभि खिसकने की स्थिति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

पेट में दर्द: नाभि खिसकने का सबसे आम लक्षण पेट में तेज दर्द होना है, खासकर नाभि के चारों ओर।

पेट में भारीपन: कई लोगों को पेट भारी और फूला हुआ महसूस होता है।

पाचन समस्या: कब्ज, दस्त या अपच की समस्या होना।

थकान: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है और थकान जल्दी आने लगती है।

मासिक धर्म में अनियमितता: महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान अनियमितताएं और दर्द महसूस हो सकता है।

भूख में कमी: नाभि खिसकने की वजह से भूख कम लगने लगती है।

मतली या उल्टी: कई बार पेट की असुविधा के कारण मतली या उल्टी की शिकायत भी हो सकती है।

कमर दर्द: यह दर्द नाभि के खिसकने से कमर तक भी फैल सकता है।

नाभि खिसकने के कारण

नाभि खिसकने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य हैं:

वजन उठाना: भारी वजन उठाने या गलत तरीके से वजन उठाने पर नाभि खिसकने की संभावना बढ़ जाती है।

अचानक तेज़ दौड़ना: अचानक कोई जोरदार शारीरिक क्रिया करना, जैसे दौड़ना या उछलना, नाभि के खिसकने का कारण बन सकता है।

असामान्य मांसपेशियों का खिंचाव: पेट की मांसपेशियों पर अचानक दबाव पड़ने से नाभि अपने स्थान से खिसक सकती है।

चोट लगना: पेट पर चोट लगने या अचानक गिरने से भी नाभि खिसक सकती है।

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान पेट के आकार में बदलाव होने के कारण भी नाभि खिसक सकती है।

नाभि खिसकने से बचाव के उपाय

  1. वजन उठाते समय सावधानी: भारी वजन उठाते समय सही तरीके से उठाना चाहिए। कमर और घुटनों को मोड़ते हुए धीरे-धीरे वजन उठाना चाहिए।

  2. शारीरिक गतिविधियों में संतुलन: अचानक किसी भी जोरदार शारीरिक गतिविधि से बचना चाहिए। खेलकूद, दौड़ने और जिम में एक्सरसाइज करने के दौरान संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

  3. पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाएं: नियमित रूप से हल्की पेट की एक्सरसाइज करें जिससे पेट की मांसपेशियां मजबूत हों और नाभि खिसकने का खतरा कम हो।

  4. खानपान का ध्यान रखें: स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करें ताकि शरीर की मांसपेशियां और पाचन तंत्र स्वस्थ रहें।

  5. गर्भावस्था में ध्यान: गर्भावस्था के दौरान सावधानी बरतें और शारीरिक गतिविधियों को नियंत्रित रखें ताकि नाभि खिसकने की समस्या न हो।

नाभि खिसकने का उपचार

अगर नाभि खिसक गई है तो इसका इलाज घर पर भी किया जा सकता है, लेकिन अगर समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर की सलाह लेना उचित है। यहां कुछ सामान्य उपचार बताए जा रहे हैं:

  1. योग और आसन: कुछ योग आसन, जैसे पवनमुक्तासन और नौकासन, नाभि को सही स्थान पर लाने में मदद कर सकते हैं। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक होते हैं।

     

  2. गर्म पट्टी: पेट पर गर्म पट्टी रखने से मांसपेशियों का खिंचाव कम हो सकता है और नाभि को अपनी सही जगह पर लौटने में मदद मिल सकती है।

     

  3. आयुर्वेदिक उपचार: कुछ आयुर्वेदिक तेल और औषधियां भी नाभि को ठीक करने में उपयोगी हो सकती हैं। इनका प्रयोग किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही करें।

     

  4. पेट पर बंधना: कई बार डॉक्टर पेट पर बंध लगाने की सलाह देते हैं जिससे नाभि को सही स्थिति में लाने में मदद मिलती है।

     

  5. पानी पीना: नाभि खिसकने की समस्या में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से पाचन तंत्र सही रहता है और शरीर को ठीक होने में मदद मिलती है।

नाभि खिसकने से जुड़े घरेलू उपाय

कुछ घरेलू उपायों से भी नाभि को सही स्थिति में लाने में मदद मिल सकती है। इनमें से कुछ उपाय हैं:

  1. हींग का उपयोग: हींग का सेवन या पेट पर लगाना पाचन तंत्र को सही रखता है और नाभि खिसकने की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।

  2. अदरक का सेवन: अदरक का सेवन करने से गैस और पेट दर्द में राहत मिलती है। इसे खाने से नाभि भी सही स्थिति में आ सकती है।

  3. धनिया और मिश्री का पानी: धनिया और मिश्री का पानी पीने से पेट की समस्याओं में आराम मिलता है और नाभि की स्थिति में सुधार आता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर नाभि खिसकने की समस्या बार-बार हो रही है या घरेलू उपायों के बावजूद लक्षण बने रहते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर आपकी शारीरिक स्थिति का परीक्षण करके आवश्यक चिकित्सा उपचार बता सकते हैं। इसके अलावा, अगर नाभि खिसकने से गंभीर समस्याएं जैसे अत्यधिक उल्टी, पेट में अत्यधिक दर्द या अत्यधिक कमजोरी महसूस होती है, तो तुरंत चिकित्सा मदद लें।

नाभि खिसकने के चिकित्सा उपचार

  1. मालिश और चिकित्सीय योग: डॉक्टर या प्रशिक्षित मालिश विशेषज्ञ आपकी नाभि को वापस सही जगह पर लाने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही चिकित्सीय योगासन भी सहायक होते हैं।

  2. दवाओं का उपयोग: अगर नाभि खिसकने से पाचन संबंधित समस्याएं होती हैं, तो डॉक्टर पाचन क्रिया सुधारने के लिए दवाइयां दे सकते हैं।

  3. चिकित्सीय उपाय: कुछ मामलों में डॉक्टर्स मेडिकल डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि नाभि को वापस सही स्थिति में लाया जा सके।

निष्कर्ष

नाभि खिसकना एक सामान्य लेकिन कष्टप्रद समस्या हो सकती है। इसके लक्षण जैसे पेट दर्द, गैस और कमजोरी को पहचानकर उचित घरेलू उपाय और चिकित्सा का सहारा लेना जरूरी है। सही समय पर उपचार और बचाव के उपाय अपनाकर नाभि खिसकने से बचा जा सकता है। अगर समस्या गंभीर हो या बार-बार हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें ताकि इसे सही समय पर नियंत्रित किया जा सके।

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